2019ः अभी नहीं बजी है रणभेरी मगर गर्म है राजनीति का तापमान, बदले समीकरणों में खुद को फिट करने की कवायद भी तेज

वनबिहारी तिवारी (लेखक अमृतवर्षा हिन्दी दैनिक के संयुक्त संपादक हैं)

आगामी वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य का राजनीतिक तापमान अभी से ही बढ़ने लगा है।विगत विधनसभा चुनाव के तुलना में राज्य के राजनैतिक समीकरण अब बदल गए हैं।बदले समीकरण में जहां जद यू राजग के साथ है वहीं हम महागठबंधन के साथ।लोजपा तथा रालोसापा का ‘स्टैंड’ बदलने वाले कयासों का दौर भी जारी है।प्रदेश भर में बदलते समीकरण के कारण कईं वर्तमान सांसद भी अपने टिकट को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं।वहीं दूसरी तरफ कमोबेश हर जगह नए चेहरे नए-नए समीकरण के तहत खुद को बतौर उम्मीदवार फिट बैठाने वाले फार्मूले के साथ अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने लगे हैं।बिहार के अंग भूमि पर इस राजनितिक तापमान के वृद्धि के संकेत साफ देखें जा रहे हैं।राजनितिक विश्लेषकों के अनुसार बदली हुई परिस्थितियों में अभी से ही प्रत्याशियों को लेकर कुछ बदलाव तय माना जा रहा है।मुंगेर से लोकसभा क्षेत्र में जद यू के राजग का हिस्सा बन जाने के बाद प्रदेश के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह के उम्मीदवारी को काफी बल मिला हैं।वैसे तो ललन सिंह वर्तमान लोजपा सांसद वीणा सिंह से 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का स्वाद चख चुके हैं।मगर फिर भी सीट बंटवारे के तहत राजग को जद यू को सम्मानजनक सीटें देनी ही पड़ेगी।भाजपा अपने सीटिंग सीटें तो देने से रही।वैसे में जद यू की नजर भाजपा की हारी हुई सीट तथा लोजपा-रालोसापा के विजित सीटों पर ही टिकी है।मुंगेर से ललन सिंह पूर्व में भी सांसद रह चुके हैं।सो इस सीट पर जद यू अपनी दावेदारी के लिए पूरा जोर लगाएगी।राजद ने यहां से पिछ्ली बार प्रगती मेहता को टिकट दिया था।मगर प्रगती मेहता तीसरे स्थान पर थे।इस बार महागठबंधन को भी मुंगेर से मजबूत उम्मीदवार की तलाश है।मुंगेर की वर्तमान सांसद वीणा सिंह पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी है।सूरजभान सिंह को प्रदेश भर के बाहुबलियों का सिरमौर माना जाता है।अगर लोजपा महागठबंधन में जाती है तो वैसे परिस्तिथियों में भी अन्य घटक दल शायद ही इनकी उम्मीदवारी का विरोध करे।अंग क्षेत्र के सर्वाधिक कद्दावर राजनेताओं मे गिने जाने वाले पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह जद यू में शामिल हो जाने से इस इलाके में जद यू की राजनीतिक शक्ती में इजाफा हुआ है।पिछ्ले माह पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह अपने पूर्व विधायक पुत्र सुमित सिंह के साथ जद यू में शामिल हो हो चुके हैं।इनके एक और पुत्र जमुई के पूर्व विधायक अजय प्रताप भाजपा मे हैं।जमुई संसदीय क्षेत्र सुरक्षित है।पिछ्ले बार लोजपा सुप्रीमो के पुत्र चिराग पासवान ने राजद के सुधांशु शेखर भास्कर को पराजित कर यहां से जीत हासिल की थी।जद यू के प्रत्याशी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी तीसरे स्थान पर थे।राजद को यहां जद यू से मात्र 9 हज़ार मतों से बढत मिली थी।इस बार जमुई के समीकरण काफी हद तक बदल गए हैं।लोजपा से तो उम्मीदवार चिराग ही होंगे।मगर राजग खेमे से उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट है।कॉंग्रेस से हाल ही मे जद यू में आये पूर्व मंत्री अशोक चौधरी तथा जद यू के ही पूर्व मंत्री सह वर्तमान विधायक श्याम रजक समेत राजग खेमा के कईं दलित दिग्गजो की नजर जमुई सीट पर है।अब जिसके नाम को पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का आशीर्वाद प्राप्त होगा,जाहिर तौर पर उसकी दावेदारी उतनी मजबूत मानी जायेगी।जमुई के चारों विधानसभा क्षेत्र में नरेंद्र सिंह तथा उनके पुत्र सुमित सिंह का अच्छा प्रभाव है।राजद को उम्मीद है की लोजपा आगामी चुनाव से पूर्व महागठबंधन का हिस्सा बन सकती है।अगर ऐसा नही होता है तो इस सीट पर राजद-कॉंग्रेस के कईं दलित स्टार भी नजर गडाए बैठे हैं।जमुई विधानसभा से राजद के विजय प्रकाश विधायक हैं।जो की बांका के राजद सांसद जयप्रकाश नारायण यादव के भाई हैं।
बांका से आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रत्याशियों की सरगर्मियां अभी से ही बढ़ गयी है।राजद के जयप्रकाश नारायण यादव अभी यहां के वर्तमान सांसद है।पिछ्ले चुनाव में नमो लहर के बावजूद इन्होंने भाजपा प्रत्याशी पूर्व सांसद पुतूल कुमारी को लगभग दस हज़ार मतों से पराजित किया था।बांका से चुनावी चर्चाओं के अनुसार पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित सिंह इस बार यहां राजग खेमे से जद यू के उम्मीदवार हो सकते हैं।क्षेत्र में इनकी सक्रियता इस आशय को बल प्रदान करती है।सुमित चकाई के पूर्व विधायक हैं।गत विधानसभा चुनाव में निर्दलीय मैदान में थे मगर राजग प्रत्याशी से अधिक मत इनकी झोली मे आये थे।गत दिनों बांका के ढाका मोड़ पर आयोजित एक कार्यक्रम का इन्होने उदघाटन किया था।कार्यक्रम के आयोजक स्थानीय विधानपार्षद मनोज यादव थे।मनोज यादव गोड्डा के रसूखदार पूर्व विधायक संजय यादव के भाई है।मनोज यादव की पत्नी बांका जिला परिषद की अध्यक्ष है।कार्यक्रम में उपस्थित भीड़ सुमित के दावेदारी की राजनितिक कहानी बयां कर रही थी।जमुई में जिला परिषद और नगर परिषद अध्यक्ष चुनाव में भी सुमित सिंह की रणनीति जयप्रकाश गुट पर भारी पड़ चुकी है।सुमित सिंह की उम्मीदवारी को लेकर जद यू कार्यकर्ताओं में भी खासा उत्साह है

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